शुरवात, मेरे पैसों से जुड़ी एक छोटीसी कहानी से,
इंजिनिअरींग के लास्ट सेमिस्टर की एग्जाम देके, मै घर लौटा, सरकारी नौकरी का एक ख्वाब लेके।
इस ख्वाब को साकार करने के लिए मुझे कोचिंग क्लासेस ज्वाइन करनी थी, जिसकी फीज ६० हजार थी और बाकी रहना और खाना अलग से।
मेरे एक बड़े अंकल है, जो की बहुत पैसेवाले है। मुझे पूरा भरोसा था की वो मुझे क्लास ज्वाइन करने के लिए पैसे देंगे। जब मैंने उनसे पैसे मांगने के लिए कॉल किया, जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था वैसा उनका जवाब आया। उन्होंने कहा, “पैसे तेरे बाप से मांग।” ये सुनकर मै शॉक हो गया। मेरे भरोसेमंद अंकल ने एक ही मिनट में मेरा प्लान बिगाड दिया। वैसे उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है।
उसके बाद मेरे पास दूसरा एक ही विकल्प था, माँ-बाप।
पिताजी थ्री व्हीलर पैसेंजर गाड़ी चलाते थे और मम्मी दूसरों के खेती में काम करने जाया करती थी, इसलिए मुझे कुछ आइडिया नहीं थी की मम्मी और पिताजी के पास कितने पैसे है। दोनों के साथ चर्चा करने के बाद पता चला की उनके पास कुल जमा राशि लगभग ७० हजार रूपये थी, वो भी उन्होंने बहन की शादी के लिए जमा किए हुए थे, इसके अलावा उनके पास कुछ नहीं था।
वो ७० हजार रूपये उन्होंने बहोत दिनों तक थोड़े थोड़े करके जमा किए थे, इसलिए मेरी मांग को लेकर वो भी अंदर ही अंदर परेशान थे। मैने सोचा था की अगर कोचिंग क्लासेस करके भी, मुझे सरकारी नौकरी नहीं मिली तो मै कुछ ना कुछ काम करके उनके पैसे लौटा दूंगा। दिल पे पत्थर रखकर घरवालोने मुझे पैसे दे दिए और में पुणे (महाराष्ट्र) चला गया, सरकरी नौकरी का सपना लेके।
कहते है, अगर किसी चीज को शिद्द्त से चाहो तो कायनात भी उसे मिलाने में जुड़ जाती है। वैसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। सात महीने कठोर परिश्रम करने के बाद, कोचिंग क्लासेस खत्म होने से पहले ही मुझे सरकारी नौकरी मिल गयी और मैं महाराष्ट्र सरकार के इरिगेशन डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर बन गया।
दोस्त,
मै सुमित कढरे, पेशे से इंजिनिअर और दिल से एक नया ब्लॉगर।
वित्त सुख यह ब्लॉग किस समस्या के बारे में है ?
आजकल सोशल मिडिया की दुनिया में लोगो की खूबसूरत दिखाई देनेवाली जिंदगी देखकर हमारी चाहते भी बहुत बढ़ गयी है। हम सबको अच्छी कार चाहिए, बड़ा घर चाहिए, फॅमिली के साथ बाहर घूमने जाना है और बहोत कुछ। हमे फुटवेअर से लेकर घर के AC तक, सब ब्रांडेड चाहिए। इस सोशल मिडिया के वजह से, भारी मात्रा से प्रभावित इस दुनिया में हम कभी कभी गलत जगह ज्यादा पैसे खर्चे कर देते है।वित्तीय ज्ञान और अनुशासन न होने के वजह से लोग आर्थिक तौर पर भविष्य सुरक्षित नहीं कर पाते है। उन्हें पैसो को लकेर बहुत बार तकलीफ़ो का सामना करना पड़ता है। अगर बीच में कोई आपत्ति आई तो उन्हें दुसरो से पैसे मांगने पड़ते है, नहीं तो बैंक का दरवाजा खटखटाना पड़ता है।
तो फिर इस समस्या का समाधान क्या है ?
इस समस्या के समाधान की तौर पर “वित्त सुख” इस ब्लॉग को शुरू किया गया है। जिसमे “किफायती जीवन और पैसे बचाना” यह एक जीवनशैली के बारे में जानकरी दी जाती है।
“किफायती जीवन और पैसे बचाना” एक तरह से यह है कि हम अपने पैसे को समझदारी से और ठीक से खर्च करें, ताकि हम ज्यादा पैसे बचा सकें। इसका मतलब यह नहीं कि आप कंजूसी करे, या जीवन की गुणवत्ता को कम करे; बल्कि, इससे आप अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए और अपनी आर्थिक स्थिति में आराम से रहने के लिए बुद्धिमानी से वित्तीय निर्णय ले।
वित्त सुख इस ब्लॉग में क्या बताया जाता है ?
इस ब्लॉग के माध्यम से नीचे बताये गए विषय से संबंधित जानकारी साझा की जाती है –
१. विभिन्न बजट और उसके लाभ
२. पैसे बचत करने की विभिन्न तकनीक
३. नवीनतम वित्त ज्ञान, जिससे हमेशा आपका फायदा होता रहे।
“खर्चे कम, खुशियाँ ज्यादा” इस विचारधारा को मेरी जिंदगी में अमल में लाके मैंने खुद का घर बनाया, बहन की शादी, मेरी शादी और शिमला मनाली ट्रिप को जाके आया और इसके साथ मेरा भविष्य भी सुरक्षित कर रहा हु, वो भी कम से कम आर्थिक समस्या के बीना । इस बेहतरीन जीवनशैली को आपके साथ हमेशा साझा करके आपकी जिदंगी में “वित्त सुख” लाना यही इस ब्लॉग का मकसद है।
इस खूबसूरत सफ़र में आपका स्वागत है।